Sunday, March 20, 2016

Poems are a powerful source of real pleasure for every age group.बच्चों के सन्दर्भ में यह बात बिल्कुल सही है।प्राथमिक स्तर से उच्च प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी कविता teaching and learning का उद्देश्य है कि बच्चा भाषा को उसके सौंदर्य के साथ आसानी से नये शब्दों,वाक्यो एवं structure को समझ सके और poem की rhythm को follow कर enjoy कर सके।
जब अंग्रेजी भाषा की बात हो तो हम शिक्षको का task अधिक focused और targeted हो और इसके लिये आवश्यक है हम आप स्वयं कविता आनंद के साथ recite करे और poems के प्रति कुछ passion develop करे।तभी हम अपने प्रभावशाली शिक्षण से बच्चों को किसी भी कविता के poetic mood, feelings,rhythm, intonation(rise and fall of tone)and beauty of language को समझने और appreciate करने के लिये प्रेरित कर सकेंगे।कविता शिक्षण सभी शिक्षको का पसंदीदा विषय होता है और कविता शिक्षण से language learning में बहुत सहायता मिलती है।इसके कई benefits है-
Oral skill development होती है।
Listening,writing and speaking skill को बढ़ावा मिलता है।
Recitation से मन मस्तिष्क energies होते है।
Power of imagination develop होती है।
Human values develop होते है।
Natural beauty का appreciation develop होता है।
कविता के माध्यम से संसार और उसके प्राणियो के बारे में जानकारी मिलती है और वो भी बहुत ही रोचक ढंग से।
प्राथमिक स्तर की syllabus में poems.
Class 1 -Twinkle Twinkle little star
Rain on the green grass
Class 2--Jony jony yes papa
Class 3--A.B.C.
Tumble down D
One ,Two.
Buckle my shoe
I love colours
Yes i do
On the road
Clouds
Class 4-Let's go to school
How are you
I love little pussy
The Sun and the Moon
On the bus
Class 5-My mummy
Colourful kites
Class 6-Books-our best friends
How creatures move
I wish i could
The Rainbow fairies
A curious little Boy
Class 7-My village
Make me a promise dad
The Moon
Don't give up
A journey through space
Class 8-Trees
A fair
The Busy World
Team Work
Mary's Lamb
कक्षा में कविता सिखाने से पहले कविता को 2 या 3 बार जरूर पढ़े तभी उसके mood और message को बच्चों तक convey कर सकेंगे।कठिन शब्दों के अर्थ खुद जान ले और बच्चों को भी बताये।
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मैंने विद्यालय में शिक्षण के दौरान प्राथमिक स्तर पर विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों से पूछा, ‘आपका मनपसंद विषय कौन-सा है?’ अलग-अलग बच्चों ने अलग-अलग विषय बताए, मसलन, हिन्‍दी, अँग्रेजी, गणित वगैरह। कुछ बच्चों ने मुख्य विषय का नाम न लेकर कहा, ‘मुझे चित्र बनाना, रंग भरना आदि अच्छा लगता है।’
प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ाते समय सबसे बड़ी मुश्किल यह सामने आती है कि बच्चों को कैसे पढ़ाएँ, क्योंकि हर बच्चे को अलग-अलग विषय अच्छे लगते हैं और अपने मनपसन्‍द विषयों को ही बच्चे रुचि के साथ ध्यान लगा कर पढ़ते हैं। लेकिन दूसरी ओर बच्चे के समग्र विकास के लिए सभी विषयों को पढ़ाना भी जरूरी है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि स्कूल आने से पहले बच्चा अपने परिवेश से बहुत कुछ सीख कर आता है, जबकि उसका परिवेश विषय या कालांश आधारित किसी व्यवस्थित ढाँचे में नहीं बँधा होता है। जबकि विद्यालय आते ही बच्चे को तयशुदा संरचनात्मक ढाँचे का सामना करना पड़ता है। जैसे चालीस मिनट हिन्‍दी पढ़नी है, चालीस मिनट गणित पढ़ना है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों के लिए यह और भी कठिन होता है।
अपने विद्यालयी शिक्षण अनुभवों के आधार पर मुझे लगता है कि बच्चों को विषय के आधार पर न पढ़ाकर मुख्य थीम या मुद्दे के आधार पर पढ़ाया जाए और उसमें सारे विषयों को सम्मिलित कर उसे रुचिकर बनाया जाए, ताकि अलग-अलग विषयों को पसन्‍द करने वाले सभी बच्चे उसे रुचि के साथ पढ़ सकें। गाहे-बगाहे किसी खास विषय पर शिक्षण कार्य करते समय बच्चे अन्य विषयों से सम्‍बन्धित बातें भी करते हैं। आमतौर पर शिक्षक ऐसी बातों को उपेक्षित कर देते हैं।
जैसे एक दिन पर्यावरण अध्ययन विषय पर शिक्षण के दौरान रोजाना की दिनचर्या पर बातचीत करते समय बीच में एक बच्चे ने अपनी बकरियों की संख्या बताई- ‘हमारे पास इकतीस बकरियाँ थीं, लेकिन ईद के त्योहार पर हमने पाँच बकरियाँ बेच दीं और और अब हमारे पार छब्बीस बकरियाँ हैं।’ इस पर मैंने चर्चा को और आगे बढ़ाते हुए सभी बच्चों से पूछा, ‘किस-किस के पास कितने जानवर हैं, जानवर कितना दूध देते हैं, कितना दूध बेच देते हो आदि।’ इस प्रकार मैंने पर्यावरण अध्ययन की कक्षा में गणित के जोड़ और गुना पर भी कार्य किया।
फिर प्राथमिक स्तर पर बच्चों को ‘ताजमहल’ के बारे में पढ़ाना है। पढ़ाते समय हम इसमें अन्य विषयों को भी सम्मिलित कर सकते हैं, जैसे इतिहास, हिन्‍दी, गणित, भूगोल, विज्ञान, कला आदि। ताजमहल कब बना और किसने बनवाया, पूछा जाए तो इसमें इतिहास है। उसके सौंदर्यबोध को बताने में हिन्‍दी विषय का प्रयोग होगा। ताजमहल और उसके आसपास के वातावरण को बताने के लिए भूगोल, शैली के लिए कला विषयों के पहलू आएँगे। उसमें कितनी मीनारें और गुम्‍बद हैं, उनकी ऊँचाई कितनी है आदि के लिए गणित विषय का प्रयोग होगा। ताजमहल को तेजाबी वर्षा और काले धुएँ से क्या खतरा है, इसे समझाने के लिए विज्ञान विषय का प्रयोग किया जाएगा।
इस प्रकार, शिक्षण के दौरान बच्चों के साथ मिलकर ताजमहल पर कहानी बना सकते हैं। कहानी बनाते समय बच्चे की कल्पनाशीलता और भाषा पर काम हो रहा होगा। बच्चे ताजमहल का चित्र भी बना सकते हैं। साथ ही पढ़ाते हुए बच्चों को समूह में बाँटकर गतिविधि के माध्यम से गृहकार्य के रूप में कार्य दे सकते हैं, जिससे बच्चा अपने आसपास के वातावरण को समझने के साथ-साथ अपने परिवार से भी बातचीत करेगा। सवाल ऐसे हो सकते हैं- ताजमहल की तरह हमारे आसपास कौन-सी पुरानी इमारतें हैं? अपने घर पर माता-पिता से चर्चा करके उन इमारतों के बारे में लिखकर लाना है। जैसे वह इमारत कब बनी और उसे किसने बनवाई थी, वह कितनी जगह में बनी हुई है, उसे बनवाने में कितना समय लगा, कौन-कौन-सी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है वगैरह। इस प्रकार की विषय-वस्तु से हम बच्चे को एक ही मुद्दे या विषय के माध्यम से विभिन्न विषयों की जानकारी दे सकते हैं। बच्चा उसे ध्यान लगाकर सुनेगा भी, क्योंकि जब हम इस तरह बच्चे को पढ़ा रहे होंगे तो उसमें सभी बच्चों का मनपसन्‍द विषय भी शामिल होगा और हर बच्चा रुचि के साथ उसे समझेगा।
लेकिन इसके लिए दो मुख्य बातें ध्यान रखनी होंगी। पहली, हमारी सामग्री रुचिकर होने के साथ प्राथमिक स्तर पर पढ़ाए जाने विषयों को सम्मिलित करने वाली हो और साथ ही बच्चों को मौखिक अभिव्यक्ति की आजादी देने वाली भी हो। दूसरा, जरूरी नहीं है कि हर थीम या मुद्दे में सभी विषयों का समावेश हो। इस प्रकार, प्राथमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए शिक्षक को हरेक विषय की प्रकृति का पता होना चाहिए, ताकि उसे पता हो जो थीम या गतिविधि वह करा रहा है, उसमें हिन्‍दी, गणित और अँग्रेजी आदि विषय का कहाँ-कहाँ प्रयोग हो रहे हैं। तभी जाकर शिक्षक हर विषय को सम्मलित करके उसे पढ़ा सकता है और बच्चों को अच्छे से समझा सकता है। कम से कम प्राथमिक स्तर पर इस तरह की दृष्टि को अपनाया जा सकता है, ताकि बच्चे की आगे की शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार बन सके।

Saturday, May 2, 2009

ganu

ganu is on my lap .

Friday, April 24, 2009

manu & ganu

this two name is of my two little boy.